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इस वर्ष सरकार तारबंदी के लिए किसानों को 444.40 करोड़ रुपए का अनुदान देगी!

Tarbandi Yojana :

आवारा पशुओं, नीलगाय और जंगली जानवरों से फसलों को होने वाले नुकसान से बचाने के लिए किसान अपने खेतों की तारबंदी करा सकते हैं। इससे किसानों को फसल में काफी अधिक मुनाफा मिलेगा.

लेकिन इसकी लागत अधिक होने के कारण सभी किसान अपने खेतों में तारबंदी नहीं कर पाते हैं। ऐसे में किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए राजस्थान सरकार ने राज्य में तारबंदी योजना शुरू की है.

योजना प्रारंभ से अब तक योजना के अंतर्गत किसानों को 69 करोड़ रूपये से अधिक का अनुदान दिया जा चुका है। अगर आप किसान हैं तो आपको इस योजना का लाभ जरूर मिलेगा।

राज्य के कृषि मंत्री ने कहा कि वर्ष 2023-24 के लिए तारबंदी योजना में 444 करोड़ 40 लाख रुपये का प्रावधान किया गया है, जिसमें से 26 जुलाई 2023 तक 4 करोड़ 95 लाख 40 हजार रुपये दिये जा चुके हैं.

इस वर्ष तारबंदी के लिए किसानों को 444.40 करोड़ रुपए का अनुदान

कृषि मंत्री श्री लालचंद कटारिया ने बुधवार को विधानसभा में कहा कि किसानों को उनकी फसलों को आवारा पशुओं एवं अन्य जानवरों से बचाने के लिए तारबंदी योजना के तहत सहायता दी जायेगी।

तारबंदी योजना के तहत किसानों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से वर्ष 2023-24 में कुल 444.40 करोड़ का प्रावधान किया गया है। अब तक योजना के तहत 4 करोड़ रुपये से अधिक की राशि दी जा चुकी है।

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तारबंदी Fencing के लिए कितना अनुदान दिया जाता है?

राजस्थान सरकार द्वारा फसल सुरक्षा मिशन के अंतर्गत मुख्यमंत्री कृषक साथी योजना के अंतर्गत तारबंदी योजना शुरू की गई है। योजना के तहत बड़े एवं सीमांत किसानों को तारबंदी के लिए लागत का 60 प्रतिशत या अधिकतम 48,000 रुपये दिए जाते हैं.

वहीं, अन्य किसानों को लागत का 50 फीसदी या अधिकतम 40 हजार रुपये दिया जा रहा है. वहीं 10 या इससे अधिक किसानों के समूह को न्यूनतम 5 हेक्टेयर में तारबंदी के लिए 70 फीसदी अनुदान दिया जाएगा.

पिछले वर्षों में योजना के तहत अभी तक दिया गया अनुदान

कृषि मंत्री ने विधानसभा में जानकारी देते हुए कहा कि वर्ष 2017-18 से वर्ष 2022-23 तक योजना की जानकारी, वर्ष 2017-18 में व्यय की गयी राशि 2 करोड़ 1 लाख 36 हजार

वर्ष 2018-19 में 2 करोड़ 31 लाख 10 हजार रुपए, वर्ष 2019-20 में 3 करोड़ 30 लाख 48 हजार रुपए, वर्ष 2020-21 में 5 करोड़ 19 लाख 50 हजार रुपए

वर्ष 2021-22 में 5 करोड़ 99 लाख 3 हजार रु. एवं वर्ष 2022-23 में 50 करोड़ 84 लाख 95 हजार रु. खर्च किये गये हैं. इस प्रकार अब तक कुल 69 करोड़ 66 लाख 42 हजार रुपये खर्च हो चुके हैं.

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